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1- ज़ैद बिन साबित अंसारी (रज़ियल्लाहु अनहु) कहते हैं, जो वह्य लिखने वालों में शामिल थे: जब यमामा युद्ध में बहुत- से सहाबा शहीद हो गए, तो अबू बक्र ने मुझे बुला भेजा, (मैं पहुँचा तो) उमर उनके पास मौजूद थे (रज़ियल्लाहु अनहुमा)