हमारे पास अबू जुमुआ अंसारी आए और फ़रमाया: हम लोग दस व्यक्ति अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के साथ थे,…

हमारे पास अबू जुमुआ अंसारी आए और फ़रमाया: हम लोग दस व्यक्ति अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के साथ थे, जिनमें मुआज़ बिन जबल (रज़ियल्लाहु अनहु) भी मौजूद थे, हमने कहा: ऐ अल्लाह के रसूल! क्या सवाब के मामले में कोई हमसे भी आगे बढ़ सकता है?

इब्ने जुबैर कहते हैं: हमारे पास अबू जुमुआ अंसारी (रज़ियल्लाहु अनहु) आए और फ़रमाया: हम लोग दस व्यक्ति अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के साथ थे, जिनमें मुआज़ बिन जबल (रज़ियल्लाहु अनहु) भी मौजूद थे। हमने कहा: ऐ अल्लाह के रसूल! हम आप पर ईमान लाए और हमने आपका अनुसरण किया, तो क्या सवाब के मामले में कोई हमसे भी आगे बढ़ सकता है? आपने फ़रमाया: तुम्हें इससे कौन- सी बात रोकती है, जबकि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) तुम्हारे बीच मौजूद हैं और तुम्हारे पास आकाश से वह्य आती है? बल्कि तुम्हारे बाद कुछ लोग आएँगे, जिनके पास दो तख़तियों के बीच एक किताब आएगी, तो वे उसपर ईमान ले आएँगे और उसकी शिक्षाओं पर अमल करेंगे। वही लोग तुमसे अधिक सवाब पाने वाले होंगे।

[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी ने 'ख़ल्क़ु अफ़्आलिल-इबाद' में रिवायत किया है।]

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हमारे नबी मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम, सहाबा रज़ियल्लाहु अनहुम के बारे में आस्था