ऐ जिबरील, मैं एक अनपढ़ समुदाय की ओर भेजा गया हूँ, जिसमें बूढ़ी स्त्रियाँ, बूढ़े पुरुष, बच्चे, बच्चियाँ और ऐसे लोग हैं,…

ऐ जिबरील, मैं एक अनपढ़ समुदाय की ओर भेजा गया हूँ, जिसमें बूढ़ी स्त्रियाँ, बूढ़े पुरुष, बच्चे, बच्चियाँ और ऐसे लोग हैं, जिन्होंने कभी कोई किताब नहीं पढ़ी है।

उबय बिन काब (रज़ियल्लाहु अन्हु) कहते हैं कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) जिबरील से मिले तथा कहाः “ऐ जिबरील, मैं एक अनपढ़ समुदाय की ओर भेजा गया हूँ, जिसमें बूढ़ी स्त्रियाँ, बूढ़े पुरुष, बच्चे, बच्चियाँ और ऐसे लोग हैं, जिन्होंने कभी कोई किताब नहीं पढ़ी है।" जिबरील ने कहा : ऐ मुहम्मद! “वास्तविकता यह है कि यह क़ुरआन सात विभिन्न अंदाज़ों में उतारा गया है।

[सह़ीह़] [इसे तिर्मिज़ी ने रिवायत किया है। - इसे अह़मद ने रिवायत किया है।]

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क़ुरआन के कुछ शब्दों के उच्चारण तथा वर्तनी से संबंधित सात विभिन्न शैलियाँ