हम लोग नमाज़ पढ़ते और हमारे आगे से पशु गुजरते रहते। हमने इसका उल्लेख अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) से…

हम लोग नमाज़ पढ़ते और हमारे आगे से पशु गुजरते रहते। हमने इसका उल्लेख अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) से किया, तो आपने फरमयाः "कजावे के पिछले भाग की लकड़ी के समान कोई वस्तु अपने सामने रख लो, तो सामने से गुज़रने वाली कोई चीज़ तुम्हें नुक़सान नहीं पहुँचाएगी।

तलहा बिन उबैदुल्लाह (रज़ियल्लाहु अन्हु) से वर्णित है, वह कहते हैं : हम लोग नमाज़ पढ़ते और हमारे आगे से पशु गुजरते रहते। हमने इसका उल्लेख अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) से किया, तो आपने फ़रमयाः "कजावे के पिछले भाग की लकड़ी के समान कोई वस्तु अपने सामने रख लो, तो सामने से गुज़रने वाली कोई चीज़ तुम्हें नुक़सान नहीं पहुँचाएगी।"

[सह़ीह़] [इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।]

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नमाज़ की सुन्नतें