मैं आपको अल्लाह की क़सम देकर पूछता हूँ, क्या आपने रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को कहते हुए सुना है कि : "ऐ…

मैं आपको अल्लाह की क़सम देकर पूछता हूँ, क्या आपने रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को कहते हुए सुना है कि : "ऐ हस्सान! मेरी ओर से उत्तर दो! ऐ अल्लाह! पवित्र आत्मा (जिबरील) के द्वारा तू इसकी सहायता कर।?" तो उन्होंने उत्तर दिया : मैं अल्लाह को गवाह बनाकर कहता हूँ कि हाँ, आपने ऐसा कहा था।

अबू हुरैरा से वर्णित है कि उमर (रज़ियल्लाहु अन्हु) हस्सान (रज़ियल्लाहु अन्हु) के निकट से गुज़रे, जो मस्जिद में शेर पढ़ रहे थे, तो उमर (रज़ियल्लाहु अन्हु) ने उन्हें घूरकर देखा। इसपर उन्होंने कहा : मैं मस्जिद के अंदर उनकी उपस्थिति में भी शेर पढ़ता था, जो आपसे उत्तम थे। फिर अबू हुरैरा की ओर पलटे और कहाः मैं आपको अल्लाह की क़सम देकर पूछता हूँ, क्या आपने रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को कहते हुए सुना है कि : "ऐ हस्सान! मेरी ओर से उत्तर दो! ऐ अल्लाह! पवित्र आत्मा (जिबरील) के द्वारा तू इसकी सहायता कर।?" तो उन्होंने उत्तर दिया : मैं अल्लाह को गवाह बनाकर कहता हूँ कि हाँ, आपने ऐसा कहा था।

[सह़ीह़] [इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।]

التصنيفات

मस्जिदों के आदाब, भलाई का आदेश देने तथा बुराई से रोकने की शर्तें