हर उम्मत का एक 'अमीन' (जिसे अमानतदारी के कारण अन्य लोगों के मुक़ाबले में अधित ख्याति प्राप्त हो) होता है, और हमारी इस…

हर उम्मत का एक 'अमीन' (जिसे अमानतदारी के कारण अन्य लोगों के मुक़ाबले में अधित ख्याति प्राप्त हो) होता है, और हमारी इस उम्मत का 'अमीन' अबू उबैदा बिन जर्राह (रज़ियल्लाहु अन्हु) है।

अनस बिन मालिक -रज़ियल्लाहु अंहु- नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- से रिवायत करते हुए कहते हैंः "हर उम्मत का एक 'अमीन' (जिसे अमानतदारी के कारण अन्य लोगों के मुक़ाबले में अधित ख्याति प्राप्त हो) होता है, और हमारी इस उम्मत का 'अमीन' अबू उबैदा बिन जर्राह (रज़ियल्लाहु अन्हु) है।"

[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]

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