उहुद युद्ध के दिन नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- दो-दो कवच पहने हुए थे। आप एक चट्टान पर चढ़ने का प्रयास कर रहे थे,…

उहुद युद्ध के दिन नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- दो-दो कवच पहने हुए थे। आप एक चट्टान पर चढ़ने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन चढ़ नहीं पा रहे थे। ऐसे में, नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने तलहा -रज़ियल्लाहु अन्हु- को अपने नीचे बिठाया, उनके ऊपर चढ़े और चट्टान पर सीधे खड़े हो गए। वह कहते हैं कि मैंने नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- को कहते सुना हैः " तलहा (जन्नत का हक़दार बन गया।"

ज़ुबैर बिन अव्वाम -रज़ियल्लाहु अन्हु- कहते हैं कि उहुद युद्ध के दिन नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- दो-दो कवच पहने हुए थे। आप एक चट्टान पर चढ़ने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन चढ़ नहीं पा रहे थे। ऐसे में, नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने तलहा (रज़ियल्लाहु अन्हु) को अपने नीचे बिठाया, उनके ऊपर चढ़े और चट्टान पर सीधे खड़े हो गए। वह कहते हैं कि मैंने नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- को कहते सुना हैः " तलहा (जन्नत का) हक़दार बन गया।"

[ह़सन] [इसे तिर्मिज़ी ने रिवायत किया है। - इसे अह़मद ने रिवायत किया है।]

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