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लोगों पर एक ऐसा ज़माना अवश्य आएगा कि उस समय आदमी सोने का सदक़ा निकालकर घूम रहा होगा, लेकिन कोई लेने वाला नहीं पाएगा…
लोगों पर एक ऐसा ज़माना अवश्य आएगा कि उस समय आदमी सोने का सदक़ा निकालकर घूम रहा होगा, लेकिन कोई लेने वाला नहीं पाएगा और देखा जाएगा कि एक पुरुष के अंतर्गत चालीस स्त्रियाँ होंगी, जो उसकी शरण ली हुई होंगी। ऐसा पुरुष की कमी और स्त्रियों की अधिकता के कारण होगा।
अबू मूसा अशअरी- रज़ियल्लाहु अन्हु- कहते हैं कि नबी- सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने फ़रमायाः "लोगों पर एक ऐसा ज़माना अवश्य आएगा कि उस समय आदमी सोने का सदक़ा निकालकर घूम रहा होगा, लेकिन कोई लेने वाला नहीं पाएगा और देखा जाएगा कि एक पुरुष के अंतर्गत चालीस स्त्रियाँ (बेटियाँष बहनें आदि) होंगी, जो उसकी शरण ली हुई होंगी। ऐसा पुरुष की कमी और स्त्रियों की अधिकता के कारण होगा।"
[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]