अतः, जो भी बंदा प्लेग से ग्रस्त हो जाय और धैर्य के साथ तथा सवाब की आशा में अपने नगर में ठहरा रहे, तथा यह विश्वास रखे कि…

अतः, जो भी बंदा प्लेग से ग्रस्त हो जाय और धैर्य के साथ तथा सवाब की आशा में अपने नगर में ठहरा रहे, तथा यह विश्वास रखे कि उसे वही पहुँच सकता है, जो अल्लाह ने उसके लिए लिख दिया है, उसे शहीद के बराबर नेकी मिलेगी।

आइशा- रज़ियल्लाहु अन्नान- का वर्णन है कि उन्होंने अल्लाह के रसूल- सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- से प्लेग के बारे में पूछा, तो आप ने बताया किः यह अज़ाब था, जिसे अल्लाह जिसर चाहता, भेजता। परन्तु, अल्लाह ने इसे ईमान वालों के लिए अनुकंपा बना दिया है। अतः, जो भी बंदा प्लेग से ग्रस्त हो जाय और धैर्य के साथ तथा सवाब की आशा में अपने नगर में ठहरा रहे, तथा यह विश्वास रखे कि उसे वही पहुँच सकता है, जो अल्लाह ने उसके लिए लिख दिया है, उसे शहीद के बराबर नेकी मिलेगी।"

[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी ने रिवायत किया है।]

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शरई आदाब