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बिलाल (रज़ियल्लाहु अन्हु) को आदेश दिया गया था कि वह अज़ान के शब्द दो-दो बार कहें और इक़ामत के शब्द एक-एक बार।
बिलाल (रज़ियल्लाहु अन्हु) को आदेश दिया गया था कि वह अज़ान के शब्द दो-दो बार कहें और इक़ामत के शब्द एक-एक बार।
अनस बिन मालिक (रज़ियल्लाहु अन्हु) का वर्णन है, वह कहते हैंः बिलाल (रज़ियल्लाहु अन्हु) को आदेश दिया गया था कि वह अज़ान के शब्द दो-दो बार कहें और इक़ामत के शब्द एक-एक बार।
[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]
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अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने अपने मुअज़्ज़िन बिलाल (रज़ियल्लाहु अंहु) को आदेश दिया कि अज़ान के वाक्यों को दो-दो बार कहें। क्योंकि अज़ान अनुपस्थित लोगों को सूचना देने के लिए है। लेकिन दो-दो बार कहने का यह आदेश शुरू की तकबीर और अंत के 'कलिमा-ए- तौहीद' को छोड़कर है। क्योंकि यह साबित है कि शुरू में तकबीर चार बार कही जाएगी और अंत में 'कलिमा-ए-तौहीद' एक बार। इसी तरह उन्हें आदेश दिया कि इक़ामत के वाक्यों को एक-एक बार कहें। क्योंकि इक़ामत उपस्थित लोगों को सूचित करने के लिए है। लेकिन यहाँ एक-एक बार कहने का आदेश भी तकबीर और 'क़द क़ामतिस्सलात' को छोड़कर है। क्योंकि उन दोनों को दो-दो बार कहना साबित है।التصنيفات
अज़ान तथा इक़ामत