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जो भी प्राणी अत्याचारपूर्ण तरीक़े से मारा जाता है, उसके क़त्ल के गुनाह का एक भाग आदम के पहले बेटे के हिस्से में जाता…
जो भी प्राणी अत्याचारपूर्ण तरीक़े से मारा जाता है, उसके क़त्ल के गुनाह का एक भाग आदम के पहले बेटे के हिस्से में जाता है। क्योंकि उसीने सबसे पहले नाहक़ कत्ल का तरीक़ा जारी किया।
अब्दुल्लाह बिन मसऊद (रज़ियल्लाहु अंहु) रिवायत करते हैं कि नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः "जो भी प्राणी अत्याचारपूर्ण तरीक़े से मारा जाता है, उसके क़त्ल के गुनाह का एक भाग आदम के पहले बेटे के हिस्से में जाता है। क्योंकि उसीने सबसे पहले नाहक़ कत्ल का तरीक़ा जारी किया।"
[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]
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यह हदीस बता रही है कि क्यों आदम के एक बेटे को, उसके बाद बहाए जाने वाले हर रक्त के गुनाह का एक भाग उठाना पड़ता है? कहा जाता है कि क़ाबील ने अपने भाई हाबील का द्वेषपूर्ण तरीक़े से वध कर दिया था और वही दोनों भाई आदम की संतान के पहले हत्यारे और पहले हत्या की भेंट चढ़ने वाले थे। चूँकि क़ाबील ने ही किसी की जान लेने की प्रथा की शुरूआत की थी, इसलिए वह अपने बाद बहाए जाने वाले हर रक्त के गुनाह के एक भाग का भागीदार होगा। क्योंकि उसके बाद रक्त बहाने वाला हर व्यक्ति उसी का अनुसरण कर रहा होता है।التصنيفات
गुनाहों की मज़म्मत