ऐ अल्लाह, मैं लोगों को दो कमज़ोरों के हक़ को नष्ट करने से डराता हूँ; यतीम तथा स्त्री।

ऐ अल्लाह, मैं लोगों को दो कमज़ोरों के हक़ को नष्ट करने से डराता हूँ; यतीम तथा स्त्री।

अबू शुरैह ख़ुवैलिद बिन अम्र और अबू हुरैरा (रज़ियल्लाहु अंहुमा) कहते हैं कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः "ऐ अल्लाह, मैं लोगों को दो कमज़ोरों के हक़ को नष्ट करने से डराता हूँ; यतीम तथा स्त्री।"

[ह़सन] [इसे इब्ने माजा ने रिवायत किया है । - इसे नसाई ने रिवायत किया है। - इसे अह़मद ने रिवायत किया है।]

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स्त्रियों से संबंधित अहकाम