अगर मोमिन जान लेता कि अल्लाह के पास कैसी-कैसी सज़ा है तो वह उसकी जन्नत की लालच न करता और अगर काफ़िर जान लेता कि…

अगर मोमिन जान लेता कि अल्लाह के पास कैसी-कैसी सज़ा है तो वह उसकी जन्नत की लालच न करता और अगर काफ़िर जान लेता कि अल्लाह के पास कितनी दया है तो वह उसकी जन्नत से निराश नहीं होता।

अबू हुरैरा- रज़ियल्लाहु अन्हु- का वर्णन है कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः अगर मोमिन जान लेता कि अल्लाह के पास कैसी-कैसी सज़ा है तो वह उसकी जन्नत की लालच नहीं करता और अगर काफ़िर जान लेता कि अल्लाह के पास कितनी दया है तो कोई उसकी जन्नत से निराश नहीं होता।

[सह़ीह़] [इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।]

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जन्नत तथा जहन्नम की विशेषताएँ