तुममें से कोई व्यक्ति जुमा के दिन हरगिज़ रोज़ा न रखे, मगर यह कि उससे पहले या उसके बाद भी एक दिन रख ले।

तुममें से कोई व्यक्ति जुमा के दिन हरगिज़ रोज़ा न रखे, मगर यह कि उससे पहले या उसके बाद भी एक दिन रख ले।

अबू हुरैरा- रज़ियल्लाहु अन्हु- कहते हैं कि मैंने अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैह व सल्लम) को फ़रमाते हुए सुनाः तुममें से कोई व्यक्ति जुमा के दिन हरगिज़ रोज़ा न रखे, मगर यह कि उससे पहले या उसके बाद भी एक दिन रोज़ा रख ले।

[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]

الشرح

नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने जुमा के दिन रोज़ा रखने से मना किया है। लेकिन, यदि उससे पहले या उसके बाद एक दिन रोज़ा रख ले अथवा किसी का नियमित नफ़ली रोज़ा उसी दिन पड़ जाए, तो रख सकता है।

التصنيفات

नफ़ल रोज़े