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हम लोग अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के साथ हज के लिए तल्बिया पुकारते हुए आए तो आपने हमें आदेश दिया और…
हम लोग अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के साथ हज के लिए तल्बिया पुकारते हुए आए तो आपने हमें आदेश दिया और हमने उसे उमरा में बदल दिया।
जाबिर- रज़ियल्लाहु अन्हु- कहते हैं कि हम लोग अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के साथ हज के लिए तल्बिया पुकारते हुए आए तो आपने हमें आदेश दिया और हमने उसे उमरा में बदल दिया।
[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]
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जाबिर -अल्लाह उनसे प्रसन्न हो- बता रहे हैं कि सहाबा किराम अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- के साथ हज्जतुल वदा के अवसर पर आए, तो अधिकतर लोग हज का तलबिया पुकार रहे थे। यानी उन्होंने हज-ए-इफ़राद का इरादा किया था। ऐसे में नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने साथ में क़ुरबानी का जानवर न लाने वालों से कहा कि हज का इरादा बदलकर उमरा का इरादा कर लें, ताकि उमरा के बाद से लेकर हज तक हलाल रहकर लाभ उठाने का अवसर मिल जाए। चुनांचे लोगों ने ऐसा ही किया।التصنيفات
एहराम के अहकाम