एक सैन्यदल काबे पर आक्रमण करने के इरादे से निकलेगा। जब वह एक चटियल मैदान में पहुँचेगा, तो उसके शुरू से आख़िर तक के…

एक सैन्यदल काबे पर आक्रमण करने के इरादे से निकलेगा। जब वह एक चटियल मैदान में पहुँचेगा, तो उसके शुरू से आख़िर तक के सब लोग धरती में धँसा दिए जाएँगे।

आइशा- रज़ियल्लाहु अन्हा- कहती हैं कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः एक सैन्यदल काबे पर आक्रमण करने के इरादे से निकलेगा। जब वह एक चटियल मैदान में पहुँचेगा तो उसके शुरू से आख़िर तक के सब लोग धरती में धँसा दिए जाएँगे। आइशा- रज़ियल्लाहु अन्हा- कहती हैं कि मैंने कहाः ऐ अल्लाह के रसूल! उसके शुरू से आख़िर तक के सब ही लोग कैसे धँसा दिए जाएँगे, जबकि उसमें बाज़ार के लोग भी होंगे और ऐसे लोग भी होंगे, जो उसमें शामिल नहीं होंगे? तो आपने फ़रमायाः उसके शुरू से आख़िर तक सब लोग धँसा दिए जाएंगे और फिर वे अपनी-अपनी नीयतों के अनुसार उठाए जाएँगे।

[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]

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क़यामत की निशानयाँ