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तुमसे पूर्व के समुदायों में कुछ लोग ऐसे होते थे, जिन्हें इलहाम होता था। यदि मेरी उम्मत में कोई ऐसा है, तो वह उमर हैं।
तुमसे पूर्व के समुदायों में कुछ लोग ऐसे होते थे, जिन्हें इलहाम होता था। यदि मेरी उम्मत में कोई ऐसा है, तो वह उमर हैं।
अबू हुरैरा (रज़ियल्लाहु अंहु) कहते हैं कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः "तुमसे पूर्व के समुदायों में कुछ लोग ऐसे होते थे, जिन्हें इलहाम होता था। यदि मेरी उम्मत में कोई ऐसा है, तो वह उमर हैं।"
[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]
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सदाचारी बंदों के हालात