बरकत खाने के बीच में उतरती है। अतः, उसके दोनों किनारों से खाओ, बीच से न खाओ।

बरकत खाने के बीच में उतरती है। अतः, उसके दोनों किनारों से खाओ, बीच से न खाओ।

अब्दुल्लाह बिन अब्बास (रज़ियल्लाहु अन्हमा) कहते हैं कि नबी ( सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फरमायाः "बरकत खाने के बीच में उतरती है। अतः, उसके दोनों किनारों से खाओ, बीच से न खाओ।"

[सह़ीह़] [इसे इब्ने माजा ने रिवायत किया है । - इसे तिर्मिज़ी ने रिवायत किया है। - इसे अबू दाऊद ने रिवायत किया है। - इसे अह़मद ने रिवायत किया है। - इसे दारिमी ने रिवायत किया है।]

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खाने-पीने के आदाब