बेटे का क़िसास (बदला) उसके पिता से नहीं लिया जाएगा

बेटे का क़िसास (बदला) उसके पिता से नहीं लिया जाएगा

मुजाहिद से रिवायत है, वह तहते हैं कि एक आदमी ने अपने बेटे की ओर तलवार फेंकी, जो उसे लग लग गई तथा वह मर गया। यह मामला उमर बिन ख़त़्त़ाब -रज़ियल्लाहु अन्हु- के पास लाया गया, तो उन्होंने फ़रमाया : यदि मैंने अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- को यह फ़रमाते हुए न सुना होता कि “बेटे का क़िसास (बदला) उसके पिता से नहीं लिया जाएगा।” तो मैं तुझको यहाँ से हिलने से पहले ही क़त्ल कर देता।”

[विभिन्न सनदों और शवाहिद के आधार पर सह़ीह़] [इसे इब्ने माजा ने रिवायत किया है । - इसे तिर्मिज़ी ने रिवायत किया है। - इसे अह़मद ने रिवायत किया है।]

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शरई दंड क़ायम करने की शर्तें