मोमिनों का रक्त समान है तथा वह अपने शत्रुओं के विरुद्ध एक हाथ के समान हैं। उनके दिए गए सुरक्षा-वचन का पालन सबको करना…

मोमिनों का रक्त समान है तथा वह अपने शत्रुओं के विरुद्ध एक हाथ के समान हैं। उनके दिए गए सुरक्षा-वचन का पालन सबको करना पड़ेगा। सुन लो, किसी मोमिन को किसी काफ़िर के बदले में क़त्ल नहीं किया जाएगा और न किसी संधि के तहत रह रहे व्यक्ति को संधि काल के भीतर क़त्ल किया जाएगा। जिसने कोई अपराध किया उसका गुनाह उसी के ऊपर है। जिसने कोई अपराध किया या किसी अपराधी को पनाह दी, उसके ऊपर अल्लाह की, फ़रिश्तों की तथा तमाम लोगों की लानत है।

क़ैस बिन अब्बाद से वर्णित है, वह कहते हैं कि मैं तथा अश्तर, अली -रज़ियल्लाहु अन्हु- के पास गए तथा हमने कहा : क्या अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने आपको कोई ऐसी बात बताई है, जो आम लोगों को न बताई हो? उन्होंने फ़रमाया : नहीं, सिवाय उसके जो मेरी इस पुस्तिका में है। मुसद्दद कहते हैं कि मेरे गुरू ने बताया कि फिर उन्होंने एक पुस्तिका निकाली और अहमद कहते हैं कि फिर उन्होंने अपनी तलवार के म्यान से एक पुस्तिका निकाली, जिसमें लिखा था : “मोमिनों का रक्त समान है तथा वह अपने शत्रुओं के विरुद्ध एक हाथ के समान हैं। उनके दिए गए सुरक्षा-वचन का पालन सबको करना पड़ेगा। सुन लो, किसी मोमिन को किसी काफ़िर के बदले में क़त्ल नहीं किया जाएगा और न किसी संधि के तहत रह रहे व्यक्ति को संधि काल के भीतर क़त्ल किया जाएगा। जिसने कोई अपराध किया उसका गुनाह उसी के ऊपर है। जिसने कोई अपराध किया या किसी अपराधी को पनाह दी, उसके ऊपर अल्लाह की, फ़रिश्तों की तथा तमाम लोगों की लानत है।”

[सह़ीह़] [इसे नसाई ने रिवायत किया है।]

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क़िसास, सुलह तथा शांति संधि के अहकाम