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अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को अज़्ल (संभोग के समय वीर्य-स्खलन से पहले लिंग को बाहर निकाल लेना ताकि…
अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को अज़्ल (संभोग के समय वीर्य-स्खलन से पहले लिंग को बाहर निकाल लेना ताकि अंदर स्खलन न हो) के बारे में बताया गया तो फ़रमायाः तुममें से कोई ऐसा क्यों करता है? क्योंकि, जो भी जान पैदा होने वाली है, अल्लाह उसे पैदा करके रहेगा।
अबू सईद खुदरी (रज़ियल्लाहु अंहु) से वर्णित है कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को अज़्ल (संभोग के समय वीर्य-स्खलन से पहले लिंग को बाहर निकाल लेना ताकि अंदर स्खलन न हो) के बारे में बताया गया तो फ़रमायाः तुममें से कोई ऐसा क्यों करता है? (आपने यह नहीं फ़रमाया कि तुममें से कोई ऐसा न करे) क्योंकि, जो भी जान पैदा होने वाली है, अल्लाह उसे पैदा करके रहेगा।
[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]
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अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के सामने अज़्ल का ज़िक्र किया गया और यह बताया गया कि कुछ लोग अपनी पत्नियों तथा दासियों के साथ ऐसा करते हैं, तो नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने खंडन के अंदाज़ में उनसे इसका कारण जानना चाहा। फिर आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने उनके ऐसा करने के पीछे छिपे उद्देश्य का ऐसा संतोषजनक उत्तर दिया, जो उन्हें इससे रोकने के लिए काफ़ी है। फ़रमाया कि अल्लाह तआला ने तक़दीरें निर्दिष्ट कर दी हैं, इसलिए तुम्हारा यह अमल उस जान को रोक नहीं सकता, जिसे अल्लाह ने रचने का निर्णय कर लिया है। क्योंकि वही असबाब को तय करता है और उनके प्रभावों को भी। अतः, जब वह पुरुष के वीर्य से इनसान की रचना का इरादा करता है, तो उसे इस तरह उसके सुरक्षित स्थान में पहुँचा देता है कि उसे एहसास भी नहीं होता।التصنيفات
पति-पत्नी का रहन-सहन