إعدادات العرض
लोग सोने चाँदी के खदान की तरह खदान हैं। जो लोग जाहिलियत में बेहतर थे, वे इस्लाम में भी बेहतर हैं, यदि इस्लाम की समझ…
लोग सोने चाँदी के खदान की तरह खदान हैं। जो लोग जाहिलियत में बेहतर थे, वे इस्लाम में भी बेहतर हैं, यदि इस्लाम की समझ प्राप्त कर लें। सारे प्राण एकत्र सेना थे; जिस-जिस ने वहाँ एक-दूसरे को पहचाना, वह दुनिया में एक-दूसरे से प्रेम रखते हैं, और जिस-जिस ने वहाँ एक-दूसरे की पहचान न की, वह यहाँ एक-दूसरे से बेगाना रहते हैं।
अबू हुरैरा -अल्लाह उनसे प्रसन्न हो- कहते हैं कि अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने फ़रमायाः "लोग सोने चाँदी के खदान की तरह खदान हैं। जो लोग जाहिलियत में बेहतर थे, वे इस्लाम में भी बेहतर हैं, यदि इस्लाम की समझ प्राप्त कर लें। सारे प्राण एकत्र सेना थे; जिस-जिस ने वहाँ एक-दूसरे को पहचाना, वह दुनिया में एक-दूसरे से प्रेम रखते हैं, और जिस-जिस ने वहाँ एक-दूसरे की पहचान न की, वह यहाँ एक-दूसरे से बेगाना रहते हैं।" तथा अबू हुरैरा -अल्लाह उनसे प्रसन्न हो- ही से वर्णित है कि अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने फ़रमाया : "तुम, लोगों को खदान के समान पाओगे। उनमें जो जाहिलियत में बेहतर थे, वे इस्लाम में भी बेहतर हैं, यदि दीन की समझ प्राप्त कर लें। तुम शासन के मामले सबसे अच्छा उन लोगों को पाओगे, जो उसे सबसे अधिक नापसंद करने वाले हों तथा तुम सबसे बुरा आदमी उसे पाओगे, जो दोमुँहा हो। इनके पास एक चेहरे के साथ आता हो और उनके पास दूसरे चेहरे के साथ आता हो।"