सुन लो, शक्ति से आशय तीरंदाज़ी है। सुन लो, शक्ति से आशय तीरंदाज़ी है। सुन लो, शक्ति से आशय तीरंदाज़ी है।

सुन लो, शक्ति से आशय तीरंदाज़ी है। सुन लो, शक्ति से आशय तीरंदाज़ी है। सुन लो, शक्ति से आशय तीरंदाज़ी है।

उक़बा बिन आमिर (रज़ियल्लाहु अंहु) कहते हैं कि मैंने अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को मिंबर पर कहते हुए सुना हैः (तथा तुमसे जहाँ तक हो सके, उनके लिए शक्ति तैयार रखो।) [सूरा अल-अनफ़ालः 60] सुन लो, शक्ति से आशय तीरंदाज़ी है। सुन लो, शक्ति से आशय तीरंदाज़ी है। सुन लो, शक्ति से आशय तीरंदाज़ी है।"

[सह़ीह़] [इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।]

الشرح

इस हदीस में उस शक्ति की व्याख्या की गई है, जिसे शत्रुओं एवं काफ़िरों का मुक़ाबला करने के लिए अपनाने का आदेश दिया गया है। हदीस में कहा गया है कि उससे मुराद "फेंकना" है, जिससे आघात भी बड़ा सख़्त होता है और शत्रुओं का ख़तरा भी बहुत कम रहता है। यह आयत जिस समय उतरी थी, उस समय तीर फेंक कर आक्रमण किया जाता था। लेकिन इस आयत के वाक्पटु अर्थ रखने में से है कि इसमें शक्ति शब्द का प्रयोग किया गया है, ताकि उसके अंतर्गत हर ज़माने एवं हर स्थान की शक्ति आ जाए। इसी तरह हदीस के वैज्ञानिक चमत्कार को यह बात स्पष्ट करती है कि उसमें "फेंकने" का शब्द प्रयुक्त हुआ है, जिसके अंदर हर प्रकार का फेंकना सम्मिलित है, चाहे हथियार कोई भी हो और किसी भी समय तैयार हुआ हो।

التصنيفات

आयतों की तफ़सीर, जिहाद के अहकाम तथा मसायल