जो सामर्थ्य होने के बावजूद क़ुरबानी न करे, वह हमारी ईदगाह के क़रीब भी न आए।

जो सामर्थ्य होने के बावजूद क़ुरबानी न करे, वह हमारी ईदगाह के क़रीब भी न आए।

अबू हुरैरा -रज़ियल्लाहु अन्हु- से रिवायत है कि अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने फ़रमाया : “जो सामर्थ्य होने के बावजूद क़ुरबानी न करे, वह हमारी ईदगाह के क़रीब भी न आए।”

[ह़सन] [इसे इब्ने माजा ने रिवायत किया है । - इसे अह़मद ने रिवायत किया है।]

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क़ुरबानी