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किसी सच्चे आदमी को यह शोभा नहीं देता कि वह अत्यधिक लानत करने वाला हो।
किसी सच्चे आदमी को यह शोभा नहीं देता कि वह अत्यधिक लानत करने वाला हो।
अबू हुरैरा -रज़ियल्लाहु अन्हु- से रिवायत है कि रसूलुल्लाह -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने फरमाया : "किसी सच्चे आदमी को यह शोभा नहीं देता कि वह अत्यधिक लानत करने वाला हो।"
[सह़ीह़] [इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।]