अब्दुल्लाह बिन रवाह़ा (रज़ियल्लाहु अनहु) बेहोश हुए तो उनकी बहन रो रो कर, हे पहाड़! आदि बार- बार कहने लगी, तो होश में…

अब्दुल्लाह बिन रवाह़ा (रज़ियल्लाहु अनहु) बेहोश हुए तो उनकी बहन रो रो कर, हे पहाड़! आदि बार- बार कहने लगी, तो होश में आने के पश्चात फ़रमाया: तुमने जो कुछ कहा, मुझसे कहा गया कि क्या तू ऐसा ही है?

नूमान बिन बशीर (रज़ियल्लाहु अनहुमा) कहते हैं कि अब्दुल्लाह बिन रवाह़ा (रज़ियल्लाहु अनहु) बेहोश हुए तो उनकी बहन रो रो कर हे पहाड़! आदि बार- बार कहने लगी, तो होश में आने के बाद फ़रमाया: तुमने जो कुछ कहा, मुझसे कहा गया कि क्या तू ऐसा ही है?

[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी ने रिवायत किया है।]

التصنيفات

क़ज़ा एवं क़दर (नियति एवं भाग्य) की श्रेणियाँ, मृत्यु तथा उससे संबंधित अहकाम