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जिसने सूरज निकलने से पहले सुबह की एक रकात पाई, उसने सुबह की नमाज़ पा ली और जिसने सूरज डूबने से पहले अस्र की एक रकत…
जिसने सूरज निकलने से पहले सुबह की एक रकात पाई, उसने सुबह की नमाज़ पा ली और जिसने सूरज डूबने से पहले अस्र की एक रकत पाई, उसने अस्र की नमाज़ पा ली
अबू हुरैरा (रज़ियल्लाहु अनहु) का वर्णन है कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमाया: जिसने सूरज निकलने से पहले सुबह की एक रकात पाई, उसने सुबह की नमाज़ पा ली और जिसने सूरब डूबने से पहले अस्र की एक रकात पाई, उसने अस्र की नमाज़ पा ली।
[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]
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नमाज़ की शर्तें