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किसी को रात या दिन के जिस भाग में चाहे, इस घर का तवाफ़ (परिक्रमा) करने या इसमें नमाज़ पढ़ने से न रोको
किसी को रात या दिन के जिस भाग में चाहे, इस घर का तवाफ़ (परिक्रमा) करने या इसमें नमाज़ पढ़ने से न रोको
जुबैर बिन मुतइम (रज़ियल्लाहु अनहु) से मरफ़ूअन वर्णित है कि अल्लाह के नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमाया: किसी को रात या दिन के जिस भाग में चाहे, इस घर का तवाफ़ (परिक्रमा) करने या इसमें नमाज़ पढ़ने से न रोको।
[सह़ीह़] [इसे इब्ने माजा ने रिवायत किया है । - इसे तिर्मिज़ी ने रिवायत किया है। - इसे नसाई ने रिवायत किया है। - इसे अबू दाऊद ने रिवायत किया है। - इसे अह़मद ने रिवायत किया है। - इसे दारिमी ने रिवायत किया है।]
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वो समय, जिनमें नमाज़ पढ़ना मना है