यज़ीद बिन असवद ने नबी- सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- के संग सुबह (फज्र) की नमाज़ पढ़ी, फिर लोग शीघ्रता से आगे बढ़े तथा आप…

यज़ीद बिन असवद ने नबी- सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- के संग सुबह (फज्र) की नमाज़ पढ़ी, फिर लोग शीघ्रता से आगे बढ़े तथा आप के हाथ को पकड़ कर अपने मुख पर फेरने लगे, वह कहते हैंः मैंने भी आप के हाथ को पकड़ कर अपने मुख पर फेरा, तो मैंने आप के हाथ को बर्फ से ठंडा तथा मुश्क से अधिक सुगंधित पाया।

यज़ीद बिन असवद- रज़ियल्लाहु अन्हु- से वर्णित है कि उन्होंने नबी- सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- के संग सुबह (फज्र) की नमाज़ पढ़ी, फिर लोग शीघ्रता से आगे बढ़े तथा आप के हाथ को पकड़ कर अपने मुख पर फेरने लगे, वह कहते हैंः मैंने भी आप के हाथ को पकड़ कर अपने मुख पर फेरा, तो मैंने आप के हाथ को बर्फ से अधिक ठंडा तथा मुश्क से अधिक सुगंधित पाया।

[सह़ीह़] [इसे अह़मद ने रिवायत किया है।]

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नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की विशेषताएँ