जब आपके पास कोई ख़ुशी की बात आती या आप को कोई खुशखबरी दी जाती, तो अल्लाह के शुक्राने के तौर पर सजदे में चल जाते।

जब आपके पास कोई ख़ुशी की बात आती या आप को कोई खुशखबरी दी जाती, तो अल्लाह के शुक्राने के तौर पर सजदे में चल जाते।

अबू बकरा -रज़ियल्लाहु अंहु- नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- के बारे में कहते हैं कि जब आपके पास कोई ख़ुशी की बात आती या आपको कोई खुशखबरी दी जाती , तो अल्लाह के शुक्राने के तौर पर सजदे में चल जाते।

[सह़ीह़] [इसे इब्ने माजा ने रिवायत किया है । - इसे तिर्मिज़ी ने रिवायत किया है। - इसे अबू दाऊद ने रिवायत किया है। - इसे अह़मद ने रिवायत किया है।]

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नमाज़ में ग़लती, तिलावत तथा शुक्र के सजदे