अल्लाह उस आदमी पर रहम करे, जिसने अस्र से पहले चार रकात पढ़ी।

अल्लाह उस आदमी पर रहम करे, जिसने अस्र से पहले चार रकात पढ़ी।

अब्दुल्लाह बिन उमर -रज़ियल्लाहु अन्हुमा- से रिवायत है, वह कहते हैं कि अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने फ़रमायाः "अल्लाह उस आदमी पर रहम करे, जिसने अस्र से पहले चार रकात पढ़ी।"

[ह़सन] [इसे तिर्मिज़ी ने रिवायत किया है। - इसे अबू दाऊद ने रिवायत किया है। - इसे अह़मद ने रिवायत किया है।]

الشرح

यह हदीस अस्र से पहले चार रकात नफ़ल पढ़ने की फ़ज़ीलत बयान करती है। फ़ज़ीलत यह है कि आपने उसके लिए रहमत की दुआ की है।

التصنيفات

नफ़ल नमाज़ की फ़ज़ीलत