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उम्मे वरक़ा बिन्ते अब्दुल्लाह बिन हारिस अंसारी से वर्णित है कि उन्होंने क़ुरआन हिफ़्ज़ (कंठस्थ) किया था, (और) नबी…
उम्मे वरक़ा बिन्ते अब्दुल्लाह बिन हारिस अंसारी से वर्णित है कि उन्होंने क़ुरआन हिफ़्ज़ (कंठस्थ) किया था, (और) नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने उन्हें आदेश दिया था कि वह अपने घर वालों की इमामत करें (उन्हें नमाज़ पढ़ाएं)।
उम्मे वरक़ा बिन्ते अब्दुल्लाह बिन हारिस अंसारी से वर्णित है कि उन्होंने क़ुरआन हिफ़्ज़ (कंठस्थ) किया था, (और) नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने उन्हें आदेश दिया था कि वह अपने घर वालों की इमामत करें (उन्हें नमाज़ पढ़ाएं), उनके लिए एक मुअज़्ज़िन था जो अज़ान देता था और वह अपने घर वालों की इमामत करती थीं (उन्हें नमाज़ पढ़ाती थीं)
[ह़सन] [इसे अबू दाऊद ने रिवायत किया है। - इसे अह़मद ने रिवायत किया है।]