जो किसी बात पर क़सम खा ले, फिर उससे अधिक परहेज़गारी वाली बात देखे, तो परहेज़गारी वाला कार्य करे।

जो किसी बात पर क़सम खा ले, फिर उससे अधिक परहेज़गारी वाली बात देखे, तो परहेज़गारी वाला कार्य करे।

अबू तरीफ़ अदी बिन हातिम (रज़ियल्लाहु अंहु) नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) से रिवायत करते हुए कहते हैंः "जो किसी बात पर क़सम खा ले, फिर उससे अधिक परहेज़गारी वाली बात देखे, तो परहेज़गारी वाला कार्य करे।"

[सह़ीह़] [इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।]

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क़समें और मन्नतें