إعدادات العرض
मैंने अब्दुल्लाह बिन अब्बास (रज़ियल्लाहु अंहुमा) से 'हज्जे तमत्तो' के बारे में पूछा, तो उन्होंने मुझे उसका आदेश…
मैंने अब्दुल्लाह बिन अब्बास (रज़ियल्लाहु अंहुमा) से 'हज्जे तमत्तो' के बारे में पूछा, तो उन्होंने मुझे उसका आदेश दिया। फिर मैंने उनसे क़ुरबानी के बारे में पूछा, तो बतायाः उसमें ऊँट, गाय, बकरी या जानवर का एक हिस्सा ज़बह करना है। वह कहते हैंः लेकिन ऐसा लगा कि कुछ लोग उसे नापसंद कर रहे हैं।
अबू जमरा (नस्र बिन इमरान ज़ुबई) कहते हैंः मैंने अब्दुल्लाह बिन अब्बास (रज़ियल्लाहु अंहुमा) से 'हज्जे तमत्तो' के बारे में पूछा, तो उन्होंने मुझे उसका आदेश दिया। फिर मैंने उनसे क़ुरबानी के बारे में पूछा, तो बतायाः उसमें ऊँट, गाय, बकरी या जानवर का एक हिस्सा ज़बह करना है। वह कहते हैंः लेकिन ऐसा लगा कि कुछ लोग उसे नापसंद कर रहे हैं। ऐसे में मैं सोया, तो स्वप्न में देखा कि गोया एक आदमी पुकार रहा हैः तेरा हज शरीयत के अनुरूप है और तेरा 'तमत्तो' ग्रहण योग्य है। अतः मैंने अब्दुल्लाह बिन अब्बास के पास आकर स्वप्न के बारे में बताया, तो वह बोलेः अल्लाह सबसे बड़ा है। यह अबुल क़ासिम (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) की सुन्नत है।
[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]
الترجمة
العربية বাংলা Bosanski English Español فارسی Français Bahasa Indonesia Русский Tagalog Türkçe اردو 中文 Tiếng Việt සිංහල Hausa Portuguêsالشرح
अबू जमरा ने इब्ने अब्बास (रज़ियल्लाहु अंहुमा) से, उमरे से लेकर हज तक लाभान्वित होने के बारे में पूछा, तो उन्होंने इसकी अनुमति दी। फिर कुरबानी के बारे में पूछा, जो उसीके साथ इस आयत में उल्लिखित हैः "فمن تمتع بالعمرة إلى الحج فما استيسر من الهدي", तो बताया कि उसमें ऊँट, जो सबसे उत्तम है, फिर गाय, फिर बकरी को ज़बह करना है। या फिर ऊँट या गाय का सातवाँ भाग कुरबानी करना है। यानी उस ऊँट या गाय की कुरबानी में शरीक हो सकता है, जिसमें कुल सात आदमी शरीक हों। लेकिन ऐसा लगा कि किसी ने अबू जमरा के तमत्तो करने पर एतराज़ जताया, तो उन्होंने स्वप्न में देखा कि कोई ग़ैब से उन्हें आवाज़ दे रहा हैः "तेरा हज शरीयत के अनुरूप है और तेरा तमत्तो ग्रहण योग्य है।" फिर क्या था, वे इब्ने अब्बास (रज़्यल्लाहु अंहुमा) के पास आए और उन्हें इस सुंदर स्वप्न की खुशख़बरी दी। चूँकि अच्छा स्वप्न नुबूवत का एक अंग होता है, इसलिए इब्ने अब्बास (रज़ियल्लाहु अंहुमा) इससे प्रसन्न हुए और अपने फ़तवे के सही होने पर खुशी प्रकट करते हुए कहाः अल्लाह बहुत बड़ा है। यह अबुल कासिम (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) की सुन्नत है।التصنيفات
हज तथा उमरा के अहकाम एवं मसायल