एक दिन रसूल- सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- मक्का और मदीना के बीच स्थित ख़ुम्म नामी एक जल-स्रोत के पास हमारे बीच भाषण…

एक दिन रसूल- सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- मक्का और मदीना के बीच स्थित ख़ुम्म नामी एक जल-स्रोत के पास हमारे बीच भाषण देने के लिए खड़े हुए,तो अल्लाह की प्रशंसा एवं तारीफ़ की, उपदेश दिए और नसीहत की

यज़ीद बिन हय्यान कहते हैंः मैं, हुसैन बिन सबरा और अम्र बिन मुस्लिम ज़ैद बिन अर्क़म- रज़ियल्लाहु अन्हु- के पास आए। हम उनके पास बैठे, तो हुसैन ने उनसे कहाः ज़ैद, आपके हिस्से में बहुत- सी भलाइयाँ आई हैं। आपने अल्लाह के रसूल- सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- को देखा, आपकी बातें सुनीं, आपके साथ युद्ध किया और आपके पीछे नमाज़ पढ़ी। इस तरह आपको बहुत- सी भलाइयाँ प्राप्त रहीं। अतः हमें अल्लाह के रसूल- सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- की कोई हदीस सुनाइए। उन्होंने कहाः ऐ भतीजे, अल्लाह की क़सम, मेरी आयु अधिक हो चुकी है, अल्लाह के रसूल के साथ रहे बहुत दिन गुज़र चुके हैं और अल्लाह के रसूल- सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- से याद की हुई बहुत-सी बातें भूल चुका हूँ। अतः जितना सुना दूँ, उसे ग्रहण कर लो और जो न सुना सकूँ, उसे सुनाने की ज़िम्मेवारी मुझ पे न डालो। फिर कहाः एक दिन रसूल - सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- मक्का और मदीना के बीच स्थित ख़ुम्म नामी एक जल-स्रोत के पास हमारे बीच भाषण देने के लिए खड़े हुए, अल्लाह की प्रशंसा एवं तारीफ़ की, उपदेश दिए, नसीहत की और कहाः "इसके बाद, ऐ लोगो, सुन लो, मैं केवल एक इनसान हूँ, समीप है कि मेरे प्रभु का संदेशवाहक (मौत का फरिश्ता) आ जाए और मैं तुम से जुदा हो जाऊँ। मैं तुम्हारे बीच दो भारी वस्तुएँ छोड़े जा रहा हूँ। एक अल्लाह की किताब, जिसमें हिदायत और प्रकाश है। अतः अल्लाह की किताब को पकड़ लो और उसे मज़बूती से थाम लो।" आपने अल्लाह की किताब को थामे रहने पर उभारा तथा उसकी शिक्षाओं पर अमल करने की प्रेरणा दी। फिर कहाः "मेरे परिवार के लोगों का ख़याल रखना। मैं तुम्हें अपने परिवार के लोगों के बारे में अल्लाह के आज्ञापालन की नसीहत करता हूँ।" तो हुसैन ने उनसे कहाः ऐ ज़ैद, आपके परिवार के लोग कौन हैं? क्या आपकी पत्नियाँ आपके परिवार के लोगों में शामिल नहीं हैं? उन्होंने कहाः हाँ, आपकी पत्नियाँ आपके परिवार के लोगों में शामिल हैं, लेकिन आपके परिवार के लोग वे हैं, जिनपर आपके बाद सदक़ा हराम है। उन्होंने कहा कि वे कौन हैं? तो कहाः वे हैं, अली की संतान, अक़ील की संतान, जाफ़र की संतान और अब्बास की संतान। उन्होंने पूछा कि इन सभी लोगों पर सदक़ा हराम है? तो कहाः हाँ। तथा एक रिवायत में हैः "सुन लो, मैं तुम्हारे बीच दो भारी वस्तुएँ छोड़े जा रहा हूँ। एक अल्लाह की किताब, जो अल्लाह की रस्सी है, जो उसका अनुसरण करेगा, वह हिदायत पर होगा और जो उसे छोड़ देगा,कूपथगामी होगा।"

[सह़ीह़] [इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।]

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रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के परिजनों के अधिकार