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ऐ अबूज़र, में तुमको कमज़ोर समझता हूँ, तथा तुम्हारे लिए भी वही बात पसंद करता हूँ, जो मैं अपने लिए पसंद करता हूँ; दो…
ऐ अबूज़र, में तुमको कमज़ोर समझता हूँ, तथा तुम्हारे लिए भी वही बात पसंद करता हूँ, जो मैं अपने लिए पसंद करता हूँ; दो व्यक्तियों का भी अमीर न बनना और न किसी अनाथ के धन का वाली (संरक्षक) बनना।
अबूज़र (रज़ियल्लाहु अन्हु) से रिवायत है, वह कहते हैं कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने मुझसे फरमायाः "ऐ अबूज़र, में तुमको कमज़ोर समझता हूँ, तथा तुम्हारे लिए भी वही बात पसंद करता हूँ, जो मैं अपने लिए पसंद करता हूँ; दो व्यक्तियों का भी अमीर न बनना और न किसी अनाथ के धन का वाली (संरक्षक) बनना।"
[सह़ीह़] [इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।]