हर उम्मत के लिए एक आज़माइश होती है और मेरी उम्मत के लिए वह आज़माइश धन है

हर उम्मत के लिए एक आज़माइश होती है और मेरी उम्मत के लिए वह आज़माइश धन है

कअब बिन इयाज़- रज़ियल्लाहु अन्हु- कहते हैं कि मैंने अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को कहते सुना हैः "हर उम्मत के लिए एक आज़माइश होती है और मेरी उम्मत के लिए वह आज़माइश धन है।"

[सह़ीह़] [इसे तिर्मिज़ी ने रिवायत किया है। - इसे नसाई ने रिवायत किया है। - इसे अह़मद ने रिवायत किया है।]

الشرح

काब बिन अयाज़ -रज़ियल्लाहु अनहु- कहते हैं कि मैंने अल्लाह के नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- को कहते हुए सुना है : "हर संप्रदाय के लिए एक परीक्षा की वस्तु होती है" हदीस में प्रयुक्त शब्द फ़ितना से मुराद वह चीज़ें हैं, जिनके द्वारा परीक्षा एवं आज़माइश होती है। "और मेरी उम्मत के लिए परीक्षा की वस्तु धन है।" क्योंकि धन इनसान के अधिकार को सँवारने में उत्पन्न करता है। चुनांचे धन में संलिप्तता इनसान के दिल को गाफ़िल करती और आख़िरत की तैयारी से दूर कर देती है।

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संसार प्रेम की मज़म्मत