हम अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के लिए मिसवाक और वुज़ू का पानी तैयार रखते थे। फिर अल्लाह जितनी रात को…

हम अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के लिए मिसवाक और वुज़ू का पानी तैयार रखते थे। फिर अल्लाह जितनी रात को चाहता आपको जगाता। तो आप उठते, वज़ू करते और नमाज़ पढ़ते थे।

आइशा- रज़ियल्लाहु अन्हुा- कहती हैं कि हम अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के लिए मिसवाक और वज़ू का पानी तैयार रखते थे। फिर अल्लाह जितनी रात को चाहता आपको जगाता। तो आप उठते, वज़ू करते और नमाज़ पढ़ते थे।

[सह़ीह़] [इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।]

الشرح

आइशा -रज़ियल्लाहु अनहा- कहती हैं कि वह अल्लाह के नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- के लिए मिसवाक एवं वज़ू का पानी तैयार रखतीं, फिर सर्वशक्तिमान एवं महान अल्लाह रात को जब चाहता, आपको जगा देता। जब जाग जाते, तो सबसे पहले अपने दाँतों को मिसवाक से रगड़-रगड़ कर साफ़ करते, ताकि सामान्यतः नींद के कारण पैदा होने वाली दुर्गंध दूर हो जाए। फिर नमाज़ के लिए वज़ू करते और उसके बाद रात की नमाज़ पढ़ते।

التصنيفات

वज़ू की सुन्नतें तथा आदाब, रात की नमाज़