झूठा वह नहीं है जो लोगों के बीच सुधार का प्रयास करे एवं भली बात पहुँचाए अथवा अच्छी बात कहे।

झूठा वह नहीं है जो लोगों के बीच सुधार का प्रयास करे एवं भली बात पहुँचाए अथवा अच्छी बात कहे।

उम्मे कुलसूम बिंत उक़बा बिन अबू मोऐत- रज़ियल्लाहु अन्हा- कहती हैं कि मैंने अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को कहते हुए सुना हैः झूठा वह नहीं है, जो लोगों के बीच सुधार का प्रयास करे एवं भली बात पहुँचाए अथवा अच्छी बात कहे। तथा सह़ीह़ मुस्लिम की रिवायत में इतना अधिक हैः वह कहती हैंः मैंने नहीं सुना है कि आपने तीन स्थानों के सिवा कहीं और झूठ बोलने की अनुमति दी हो। यानी युद्ध में, लोगों के बिगड़े संबंधों को बेहतर बनाने के लिए तथा पति के अपनी पत्नी से बात करते समय एवं पत्नी के अपने पति से बात करते समय।

[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]

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सरहनायोग्य आचरण, स्त्री तथा पुरुष के बीच संबंध