जो मुसलमान कोई पेड़ लगाता है तो उससे जो कुछ खाया जाएगा वह उसके लिए सदक़ा होगा, जो कुछ चुराया जाएगा वह उसके लिए सदक़ा…

जो मुसलमान कोई पेड़ लगाता है तो उससे जो कुछ खाया जाएगा वह उसके लिए सदक़ा होगा, जो कुछ चुराया जाएगा वह उसके लिए सदक़ा होगा और जो कुछ किसी के द्वारा लिया जाएगा वह उसके लिए सदक़ा होगा।

जाबिर- रज़ियल्ललाहु अन्हु- कहते हैं कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः जो मुसलमान कोई पेड़ लगाता है तो उससे जो कुछ खाया जाएगा वह उसके लिए सद्क़ा होगा, जो कुछ चुराया जाएगा वह उसके लिए सदक़ा होगा और जो कुछ किसी के द्वारा लिया जाएगा वह भी उसके लिए सदक़ा होगा। तथा एक अनय रिवायत में है कि जो मुसलमान कोई पेड़ लगाता है और उससे कोई इंसान, चौपाया और पक्षी कुछ खाता है तो वह उसके लिए सद्क़ा होता है। तथा एक और रिवायत में है कि जब कोई मुसलमान पेड़ लगाता है और खेती करता है तथा उससे कोई इंसान, चौपाया अथवा कोई और कुछ खाता है तो वह उसके लिए सद्क़ा होता है।

[सह़ीह़] [इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है। - इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]

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इस्लाम की विशिष्टता तथा गुण