कदापि नहीं, मैंने उसे एक धारीदार कपड़े अथवा चोगे के कारण जहन्नम की आग में जलते हुए देखा है, जिसे उसने ग़नीमत के धन से,…

कदापि नहीं, मैंने उसे एक धारीदार कपड़े अथवा चोगे के कारण जहन्नम की आग में जलते हुए देखा है, जिसे उसने ग़नीमत के धन से, बँटवारे से पहले ले लिया था।

उमर बिन ख़त्ताब- रज़ियल्लाहु अन्हु- का वर्णन है कि जब ख़ैबर के दिन अल्लाह के नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के कुछ साथी आकर कहने लगे कि अमुक शहीद है और अमुक शहीद है, यहाँ तक कि एक आदमी के निकट से गुज़रे और उसके बारे में कह दिया कि अमुक शहीद है तो अल्लाह के नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः कदाचित नहीं, मैंने उसे एक धारीदार कपड़े अथवा चोगे के कारण जहन्नम की आग में जलते हुए देखा है, जिसे उसने ग़नीमत के धन से, बँटवारे से पहले, ले लिया था।

[सह़ीह़] [इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।]

التصنيفات

जिहाद के अहकाम तथा मसायल