मैं अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के साथ जा रहा था और आपके शरीर पर एक मोटे किनारे वाली नजरानी चादर थी।…

मैं अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के साथ जा रहा था और आपके शरीर पर एक मोटे किनारे वाली नजरानी चादर थी। इसी बीच, आपको एक देहाती मिला और बड़े ज़ोर से चादर पकड़कर खींचा।

अनस- रज़ियल्लाहु अन्हु- कहते हैं कि मैं अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के साथ जा रहा था और आपके शरीर पर एक मोटे किनारे वाली नजरानी चादर थी। इसी बीच, आपको एक देहाती मिला और बड़े ज़ोर से चादर पकड़कर खींचा। मैंने देखा तो आपके कंधे पर ज़ोर से खींचने के कारण चादर के किनारे का निशान पड़ चुका था। फिर उसने कहाः ऐ मुहम्मद, अल्लाह का जो धन तुम्हारे पास है, उसमें से मुझे देने का आदेश दो। आपने उसकी ओर देखा, मुस्कुराए और उसे कुछ देने का आदेश दिया।

[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]

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सरहनायोग्य आचरण, इमाम (शासनाध्यक्ष) के उत्तरदायित्व, आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की नर्मी