युद्ध धोखा है।

युद्ध धोखा है।

अबू हुरैरा और जाबिर (रज़ियल्लाहु अंहुमा) का वर्णन है कि नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः "युद्ध धोखा है।"

[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]

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जिहाद के अहकाम तथा मसायल