मेरी उम्मत का भ्रमण (सर्वशक्तिमान एवं प्रभुत्वशाली) अल्लाह के मार्ग में जिहाद है।

मेरी उम्मत का भ्रमण (सर्वशक्तिमान एवं प्रभुत्वशाली) अल्लाह के मार्ग में जिहाद है।

अबू उमामा (रज़ियल्लाहु अंहु) का वर्णन है कि एक व्यक्ति ने कहाः ऐ अल्लाह के रसूल, मुझे भ्रमण की अनुमति दीजिए। तो नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः "मेरी उम्मत का भ्रमण (सर्वशक्तिमान एवं प्रभुत्वशाली) अल्लाह के मार्ग में जिहाद है।"

[सह़ीह़] [इसे अबू दाऊद ने रिवायत किया है।]

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जिहाद की फ़ज़ीलत