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उस ज़ात (अल्लाह) की क़सम, जिसके हाथ में मेरी जान है, यदि तुम लोग गुनाह न करो, तो अल्लाह तुम्हारा विनाश करके ऐसे लोगों…
उस ज़ात (अल्लाह) की क़सम, जिसके हाथ में मेरी जान है, यदि तुम लोग गुनाह न करो, तो अल्लाह तुम्हारा विनाश करके ऐसे लोगों को ले आए, जो गुनाह करें और उसके बाद अल्लाह से माफ़ी माँगें, तो अल्लाह उन्हें माफ़ करे।
अबू हुरैरा (रज़ियल्लाहु अन्हु) नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) से रिवायत करते हुए कहते हैंः “उस ज़ात (अल्लाह) की क़सम, जिसके हाथ में मेरी जान है, यदि तुम लोग गुनाह न करो, तो अल्लाह तुम्हारा विनाश करके ऐसे लोगों को ले आए, जो गुनाह करें और उसके बाद अल्लाह से माफ़ी माँगें, तो अल्लाह उन्हें माफ़ करे।”
[सह़ीह़] [इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।]
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इस हदीस में अल्लाह के नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने अपने पालनहार की क़सम खाते हुए कहा है कि यदि तुम लोग गुनाह न करो, तो अल्लाह तुम्हारा विनाश कर दे और ऐसे लोगों को ले आए, जो गुनाह करने के बाद सच्ची नीयत और पूरे विश्वास के साथ अल्लाह से क्षमा माँगें, ताकि अल्लाह उन्हें माफ़ कर दे।التصنيفات
ज़िक्र की फ़ज़ीलतें