रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने इस बात से मना फ़रमाया कि शत्रु की धरती की ओर क़ुरआन लेकर सफ़र किया जाए।

रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने इस बात से मना फ़रमाया कि शत्रु की धरती की ओर क़ुरआन लेकर सफ़र किया जाए।

अब्दुल्लाह बिन उमर (रज़ियल्लाहु अन्हुमा) से रिवायत है कि रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने इस बात से मना फ़रमाया कि शत्रु की धरती की ओर क़ुरआन लेकर सफ़र किया जाए।

[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]

التصنيفات

यात्रा के आदाब तथा अहकाम