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जब तुममें से कोई किसी महिला को निकाह के लिए पैग़ाम दे तो यदि उसके बस में हो कि (उस में) उस चीज़ को देख सके जो उसको उस से…
जब तुममें से कोई किसी महिला को निकाह के लिए पैग़ाम दे तो यदि उसके बस में हो कि (उस में) उस चीज़ को देख सके जो उसको उस से विवाह के ओर आकर्षण करे, तो उसे चाहिए कि वह देख ले।
जाबिर बिन अब्दुल्लाह (रज़ियल्लाहु अन्हुमा) से वर्णित है, वह कहते हैं कि अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने फ़रमाया : “जब तुममें से कोई किसी महिला को निकाह के लिए पैग़ाम दे तो यदि उसके बस में हो कि (उस में) उस चीज़ को देख सके जो उसको उस से विवाह के ओर आकर्षण करेके, तो उसे चाहिए कि वह देख ले।” मैंने एक युवती को विवाह का पैग़ाम भेजा और मैं उसको छुप कर देखने की कोशिश करता रहा, यहाँ तक कि जब मैंने उस युवती के अंदर ऐसी चीजें देख लीं जो मुझे उस से विवाह करने के लिए उचित लगीं तो मैंने उस से विवाह कर लिया।
[ह़सन] [इसे अबू दाऊद ने रिवायत किया है। - इसे अह़मद ने रिवायत किया है।]
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निकाह