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जो दास अपने मालिक की अनुमति के बिना निकाह कर ले, वह व्यभिचारी है।
जो दास अपने मालिक की अनुमति के बिना निकाह कर ले, वह व्यभिचारी है।
जाबिर बिन अब्दुल्लाह (रज़ियल्लाहु अंहुमा) का वर्णन है कि नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः "जो दास अपने मालिक की अनुमति के बिना निकाह कर ले, वह व्यभिचारी है।"
[ह़सन] [इसे इब्ने माजा ने रिवायत किया है । - इसे तिर्मिज़ी ने रिवायत किया है। - इसे अबू दाऊद ने रिवायत किया है। - इसे अह़मद ने रिवायत किया है। - इसे दारिमी ने रिवायत किया है।]
التصنيفات
निकाह