आदम की संतान को ऐसी वस्तु की मन्नत मानने का अधिकार नहीं, जिसका वह मालिक न हो, ऐसे दास को मुक्त करने का अधिकार नहीं…

आदम की संतान को ऐसी वस्तु की मन्नत मानने का अधिकार नहीं, जिसका वह मालिक न हो, ऐसे दास को मुक्त करने का अधिकार नहीं जिसका वह स्वामी न हो और ऐसी स्त्री को तलाक़ देने का अधिकार नहीं जो उसके निकाह में न हो।

अम्र बिन शोऐब अपने पिता और वह अपने दादा से रिवायत करते हैं कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः "आदम की संतान को ऐसी वस्तु की मन्नत मानने का अधिकार नहीं, जिसका वह मालिक न हो, ऐसे दास को मुक्त करने का अधिकार नहीं जिसका वह स्वामी न हो और ऐसी स्त्री को तलाक़ देने का अधिकार नहीं जो उसके निकाह में न हो।"

[सह़ीह़] [इसे इब्ने माजा ने रिवायत किया है । - इसे तिर्मिज़ी ने रिवायत किया है। - इसे अबू दाऊद ने रिवायत किया है। - इसे अह़मद ने रिवायत किया है।]

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मन्नतें, तलाक़ के अहकाम व मसायल