तुम्हें इसे अपने पास रखने का हक़ अधिक है, जब तक दूसरी शादी न कर लो।

तुम्हें इसे अपने पास रखने का हक़ अधिक है, जब तक दूसरी शादी न कर लो।

अब्दुल्लाह बिन अम्र -रज़ियल्लाहु अन्हुमा- से वर्णित है कि एक महिला ने कहा : ऐ अल्लाह के रसूल! मेरा यह बेटा है। मेरा पेट इसके लिए बर्तन था, मेरी छाती इसके लिए मशकीज़ा थी और मेरी गोद इसके लिए झूला थी। लेकिन इसके पिता ने मुझे तलाक़ दे दिया है और अब वह इसे मुझसे छीनना चाहता है! तो अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने उससे फ़रमाया : “तुम्हें इसे अपने पास रखने का हक़ अधिक है, जब तक दूसरी शादी न कर लो।”

[ह़सन] [इसे अबू दाऊद ने रिवायत किया है।]

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बच्चे का पालन-पोषण, स्त्रियों से संबंधित अहकाम